एक बार रामू गया देखने लड़की
वहां खूब हुआ उसका मान सम्मान
हुई लड़का लड़की के बीच जान-पहचान
लड़के वालों को ना था कोई भान
बस उन्हें तो दिखानी थी अपनी शान
तब रामू लड़की से बोला सुन मेरी जान
पापा से कह ना करें हम पर एहसान
बारातियों का खूब करें आदर सत्कार
दहेज में दे दे ए.सी. और कार
वह तो थी पढ़ी लिखी लड़की
उसके अंदर की आग तेजी से भड़की
दहेज की बात सुनकर वह जोर से कड़की
ऐसा मत करना सुन ले अत्याचारी
यह पाप होगा बहुत भारी
तेरी लड़की भी रह जाएगी कुंवारी
वहां खूब हुआ उसका मान सम्मान
हुई लड़का लड़की के बीच जान-पहचान
लड़के वालों को ना था कोई भान
बस उन्हें तो दिखानी थी अपनी शान
तब रामू लड़की से बोला सुन मेरी जान
पापा से कह ना करें हम पर एहसान
बारातियों का खूब करें आदर सत्कार
दहेज में दे दे ए.सी. और कार
वह तो थी पढ़ी लिखी लड़की
उसके अंदर की आग तेजी से भड़की
दहेज की बात सुनकर वह जोर से कड़की
ऐसा मत करना सुन ले अत्याचारी
यह पाप होगा बहुत भारी
तेरी लड़की भी रह जाएगी कुंवारी
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